सच्चा हिंदी ब्लॉगर वही
जो धन न कमाए
बेहियाब, बे-वज़ह
विवाद बढ़ाए
अगले बरस
नुक्कड़ॉडॉटकॉम देगा
इन्हीं उपलब्धियों पर
पुरस्कार और करेगा
महाशिखर सम्मान
कौन योग्य हैं इनके
पंडित और विद्वान में
न हो मुकाबला कड़ा
न हो बखेड़ा
इसलिए दोनों को
मंच पर खड़ा करके
हाथों में थमाए जाएंगे।
जो धन न कमाए
बेहियाब, बे-वज़ह
विवाद बढ़ाए
अगले बरस
नुक्कड़ॉडॉटकॉम देगा
इन्हीं उपलब्धियों पर
पुरस्कार और करेगा
महाशिखर सम्मान
कौन योग्य हैं इनके
सब परिचित हैं
सो कोई तनिक
विरोध न करेगा
सो कोई तनिक
विरोध न करेगा
पंडित और विद्वान में
न हो मुकाबला कड़ा
न हो बखेड़ा
इसलिए दोनों को
मंच पर खड़ा करके
हाथों में थमाए जाएंगे।
वैसे तो पंडित और विद्वान समानार्थक शब्द बोध कराते आयें हैं हो सकता है चिठ्ठाकारिता का अपना श्लेषार्थ रहा आया हो विद्वान और पंडित यहाँ आकर दो धाराएं हो गईं हों ,यदि ऐसा है तो यह भारतीय साहित्य समाज के लिए चिठ्ठाकारिता की अलग सी सौगात समझी जायेगी .लगे हाथों एक ब्लोगरगणेश सम्मान भी घोषित कर दे .इसे ब्लॉग नंदन न समझा जाए .
जवाब देंहटाएंमंगलवार, 4 सितम्बर 2012
जीवन शैली रोग मधुमेह :बुनियादी बातें
जीवन शैली रोग मधुमेह :बुनियादी बातें
यह वही जीवन शैली रोग है जिससे दो करोड़ अठावन लाख अमरीकी ग्रस्त हैं और भारत जिसकी मान्यता प्राप्त राजधानी बना हुआ है और जिसमें आपके रक्तप्रवाह में ब्लड ग्लूकोस या ब्लड सुगर आम भाषा में कहें तो शक्कर बहुत बढ़ जाती है .इस रोगात्मक स्थिति में या तो आपका अग्नाशय पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन हारमोन ही नहीं बना पाता या उसका इस्तेमाल नहीं कर पाता है आपका शरीर .
पैन्क्रिअस या अग्नाशय उदर के पास स्थित एक शरीर अंग है यह एक ऐसा तत्व (हारमोन )उत्पन्न करता है जो रक्त में शर्करा को नियंत्रित करता है और खाए हुए आहार के पाचन में सहायक होता है .मधुमेह एक मेटाबोलिक विकार है अपचयन सम्बन्धी गडबडी है ,ऑटोइम्यून डिजीज है .
आपका सुझाव स्वीकृत कर लिया गया है। ब्लॉगरगणेश
हटाएंमेरा नाम लिख लीजिए,
जवाब देंहटाएंमुझसे ही शुरू कीजिये !
आप पहले ही ले चुके हैं इसलिए सुपात्र नहीं हैं
हटाएं:)
जवाब देंहटाएंSantosh Trivedi ko to bilkul mat dena ji..
जवाब देंहटाएंवे तो पहले ही हथिया चुके हैं
हटाएंपक्का रविकर दिख रहा, पुरस्कार बढ़वार |
जवाब देंहटाएंहर रचना पर कर रहा, हर संध्या तकरार |
हर संध्या तकरार, वंदना पूजा करता |
होय तुषारापात, दोष दूजे सिर धरता |
खुराफात का शेर, टहलते देता धक्का |
हूँ काबिल हर-मेर, देर क्यूँ करिए पक्का ||
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसम्मान की घोषणा कर,मचा दिया धमाल
जवाब देंहटाएंयदि ऐसा हो जाए तो,फिर हो जायेगा कमाल,,,,,
आपसे न मिल पाने का बेहद अफ़सोस है,,,,
RECENT POST,तुम जो मुस्करा दो,
RECENT POST-परिकल्पना सम्मान समारोह की झलकियाँ,
क्या थमाएंगे ...???
जवाब देंहटाएंआपके लिए तो वही रहस्यमयी थैली ही थमाई जाएगी जिसे पाने की चाहत न मिलने तक आपके मन से मिट नहीं पाएगी।
हटाएंसही है चाचा जी..हम भी किस्मत आजमाएंगे ..क्या पता कोई पुरस्कार मुझे भी मिल जाये..
जवाब देंहटाएं