विश्वास नहीं हो रहा है आपको
लेकिन मानना पड़ेगा ही आपको
चित्र देख रहे हैं
मंच पर सवार आलू
मन ही मन हंस रहे हैं
खुश हैं कि व्यंग्य वाले
उनके चक्कर में फंस गए हैं
लालू फेल हो गए तो क्या
व्यंग्यकार तो उनसे उलझ गए हैं
छोटे मोटे नहीं बड़े बड़े मोटे
व्यंग्यकार आलू उठाकर
घर ले गए हैं
वैसे मजा तो खूब आता
यदि व्यंग्यकारों से मंच पर
आलुओं को छिलवाया जाता
और देखने वालों से पूछा जाता
कि बतलाओ बतलाओ
जो सच बतलाएगा
वह साथ में एक एक किलो नींबू
और टमाटर भी पाएगा
छिल कौन रहा है
छील कौन रहा है
छिछोरेबाजी का रिजोल्यूशन
कैसे आलुओं ने हड़प लिया
आपने देख-समझ लिया
बाकी कतरनों में पढ़ लें
इमेज पर एक एक करके
क्लिक कर लें।
अविनाश वाचस्पति ऊर्फ अन्नास्वामी की कवितामयी रिपोर्ट।
लेकिन मानना पड़ेगा ही आपको
चित्र देख रहे हैं
मंच पर सवार आलू
मन ही मन हंस रहे हैं
खुश हैं कि व्यंग्य वाले
उनके चक्कर में फंस गए हैं
लालू फेल हो गए तो क्या
व्यंग्यकार तो उनसे उलझ गए हैं
छोटे मोटे नहीं बड़े बड़े मोटे
व्यंग्यकार आलू उठाकर
घर ले गए हैं
वैसे मजा तो खूब आता
यदि व्यंग्यकारों से मंच पर
आलुओं को छिलवाया जाता
और देखने वालों से पूछा जाता
कि बतलाओ बतलाओ
जो सच बतलाएगा
वह साथ में एक एक किलो नींबू
और टमाटर भी पाएगा
छिल कौन रहा है
छील कौन रहा है
छिछोरेबाजी का रिजोल्यूशन
कैसे आलुओं ने हड़प लिया
आपने देख-समझ लिया
बाकी कतरनों में पढ़ लें
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अविनाश वाचस्पति ऊर्फ अन्नास्वामी की कवितामयी रिपोर्ट।
पीयूष जी को छिछोरेपन की बधाई ।
जवाब देंहटाएंबड़े बड़े लोंगो के दर्शन कर धन्य हो गया ।
बढ़िया परम्परा
रहे चालू।
मिलते रहें दो-दो किलो आलू ।।