वरदान (लघु कथा)

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  • संगीता तोमर Sangeeta Tomar
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        वीन अपने माता-पिता से मिलकर  अपनी गर्भवती पत्नी के साथ वृद्धाश्रम से वापस घर को चल दिया. उसके माता-पिता नम आँखों से अपने बेटे व बहू को जाते हुए देख रहे थे.व्यस्त दिनचर्या के कारण नवीन के पास अपने माता-पिता के लिए समय ही कहाँ बच पाता था

     
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