हिन्‍दी चिट्ठाकार का प्रकाशक बनना और नीयत का डोलायमान होना

अकड़ मेरी कायम रहेगी

नीयत जब डोल डोल जाए
अपना हित न नजर आए

सही है कि चित्र वीडियो जारी नहीं किये गए हैं और उन्हें बेचा जा रहा है छः सौ रूपये में. छः सौ रूपये में दो डीवीडी आकर्षक रंगीन पैकेट और आवरण में जिसकी कीमत बाज़ार में हज़ार रूपये से कम नहीं होगी. यदि किसी को नहीं लेना हो नहीं ले. जबरदस्ती नहीं की है किसी से. किसी व्यवसाय में वाणिज्यिक दृष्टिकोण बुरा नहीं है.  पूरा पढ़ने के लिए क्लिक कीजिए।

 
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