मार्टिन लूथर किंग और गाँधी जी !

गांधीजी की आकस्मिक हत्या सिर्फ भारत को ही नहीं हिला दिया था बल्कि सम्पूर्ण विश्व इस घटना से स्तब्ध रह गया थामानवता के पुजारी को खो कर सिर्फ हम नहीं रोये बल्कि स्वतंत्रता के और भी सेनानी रो पड़ेउनकी हत्या की खबर पर मार्टिन लूथर किंग ने ये लिखा था -------

मुझे नहीं मालूम,
किस धातु का बना था वह,
टेक, मिसीसिपी, वोल्गा और हंग्हो
सभी तो लहराती थी.
उसमें हिमालय ही नहीं,
अलप्स की ऊँचाई भी समाहित थी
उनमें हिंद महासागर ही नहीं
काला सागर, प्रशांत महासागर
सभी अपनी गहनता लिए बैठे थे
कैसे थे उनके संघर्ष के हथियार
नमक सत्याग्रह
दांडी प्रयाण
चरखा , खादी, असहयोग
और अनशन !
कैसी थी उनकी लड़ाई
जिसमें विद्वेष - घृणा के लिए
कोई जगह थी
हड्डियों के ढांचे से
परास्त किया
उन सत्ताधारियों को

1 टिप्पणी:

आपके आने के लिए धन्यवाद
लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

 
Copyright (c) 2009-2012. नुक्कड़ All Rights Reserved | Managed by: Shah Nawaz