दोस्तों ,
आज मेरी माँ की बरसी है , उन्हें इस संसार से गए हुए २४ साल हो गए है ...लेकिन मैंने उन्हें हमेशा अपने पास ही पाया . मैं जो कुछ भी हूँ , उनकी वजह से हूँ . मुझमे मौजूद हर अच्छाई , उनकी ही है . मैं भी उनका ही हूँ . आज भी भीड़ भरी जिंदगी में उनके बिना अपना अकेलापन मन को बहुत सीलता है .. बहुत दर्द देता है ... सच में माँ की जगह इस संसार में कोई नहीं ले सकता है ..... उनको प्रणाम .
मैंने कुछ दिन पहले एक कविता लिखी थी " माँ का बेटा " . वही आज आप सभी के साथ बाँट रहा हूँ.
"माँ का बेटा"
वो जो अपनी माँ का एक बेटा था
वो आज बहुत उदास है !
बहुत बरस बीते ,
उसकी माँ कहीं खो गयी थी .....
उसकी माँ उसे नहलाती ,
खाना खिलाती , स्कूल भेजती
और फिर स्कूल से आने के बाद ,
उसे अपनी गोद में बिठा कर खाना खिलाती
अपनी मीठी सी आवाज़ में लोरियां सुनाती ..
और उसे सुलाती , दुनिया की नज़रों से बचाकर ....रखती !!!
उस बेटे को कभी कुछ माँगना न पड़ा ,
सब कुछ माँ ही तो थी ,उसके लिए ,
हमेशा के लिए... उसकी दुनिया बस उसकी माँ ही तो थी
अपनी माँ से ही सीखा उसने
सच बोलना , और हँसना
क्योंकि ,माँ तो उसके आंसुओ को
कभी आने ही नहीं देती थी
माँ से ही सीखा ,नम्रता क्या होती है
और मीठे बोल कैसे बोले जातें है
माँ से ही सीखा ,
कि हमेशा सबको क्षमा किया जाए
और सबसे प्यार किया जाए
वो जो अपनी माँ का एक बेटा था
वो आज बहुत उदास है !!
बहुत बरस बीते ,
उसकी माँ खो गयी थी ..
बहुत बरस हुए , उसकी माँ वहां चली गयी थी ,
जहाँ से कोई वापस नहीं लौटता ,
शायद ईश्वर को भी अच्छे इंसानों की जरुरत होती है !
वो जो बच्चा था ,वो अब एक
मशीनी मानव बना हुआ है ...
कई बार रोता है तेरे लिए
तेरी गोद के लिए ...
आज मैं अकेला हूँ माँ,
और बहुत उदास भी
मुझे तेरे बिन कुछ अच्छा नहीं लगता है
यहाँ कोई नहीं ,जो मुझे ; तुझ जैसा संभाले
तुम क्या खो गयी ,
मैं दुनिया के जंगल में खो गया !
आज ,मुझे तेरी बहुत याद आ रही है माँ !!!
आज मेरी माँ की बरसी है , उन्हें इस संसार से गए हुए २४ साल हो गए है ...लेकिन मैंने उन्हें हमेशा अपने पास ही पाया . मैं जो कुछ भी हूँ , उनकी वजह से हूँ . मुझमे मौजूद हर अच्छाई , उनकी ही है . मैं भी उनका ही हूँ . आज भी भीड़ भरी जिंदगी में उनके बिना अपना अकेलापन मन को बहुत सीलता है .. बहुत दर्द देता है ... सच में माँ की जगह इस संसार में कोई नहीं ले सकता है ..... उनको प्रणाम .
मैंने कुछ दिन पहले एक कविता लिखी थी " माँ का बेटा " . वही आज आप सभी के साथ बाँट रहा हूँ.
"माँ का बेटा"
वो जो अपनी माँ का एक बेटा था
वो आज बहुत उदास है !
बहुत बरस बीते ,
उसकी माँ कहीं खो गयी थी .....
उसकी माँ उसे नहलाती ,
खाना खिलाती , स्कूल भेजती
और फिर स्कूल से आने के बाद ,
उसे अपनी गोद में बिठा कर खाना खिलाती
अपनी मीठी सी आवाज़ में लोरियां सुनाती ..
और उसे सुलाती , दुनिया की नज़रों से बचाकर ....रखती !!!
उस बेटे को कभी कुछ माँगना न पड़ा ,
सब कुछ माँ ही तो थी ,उसके लिए ,
हमेशा के लिए... उसकी दुनिया बस उसकी माँ ही तो थी
अपनी माँ से ही सीखा उसने
सच बोलना , और हँसना
क्योंकि ,माँ तो उसके आंसुओ को
कभी आने ही नहीं देती थी
माँ से ही सीखा ,नम्रता क्या होती है
और मीठे बोल कैसे बोले जातें है
माँ से ही सीखा ,
कि हमेशा सबको क्षमा किया जाए
और सबसे प्यार किया जाए
वो जो अपनी माँ का एक बेटा था
वो आज बहुत उदास है !!
बहुत बरस बीते ,
उसकी माँ खो गयी थी ..
बहुत बरस हुए , उसकी माँ वहां चली गयी थी ,
जहाँ से कोई वापस नहीं लौटता ,
शायद ईश्वर को भी अच्छे इंसानों की जरुरत होती है !
वो जो बच्चा था ,वो अब एक
मशीनी मानव बना हुआ है ...
कई बार रोता है तेरे लिए
तेरी गोद के लिए ...
आज मैं अकेला हूँ माँ,
और बहुत उदास भी
मुझे तेरे बिन कुछ अच्छा नहीं लगता है
यहाँ कोई नहीं ,जो मुझे ; तुझ जैसा संभाले
तुम क्या खो गयी ,
मैं दुनिया के जंगल में खो गया !
आज ,मुझे तेरी बहुत याद आ रही है माँ !!!
खूब-सूरत प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत बधाई ||
माँ की यादें सच ही उदास कर जाती हैं ..
जवाब देंहटाएंBAHUT SUNDAR KAVTA... MAA IS THE BEST GIFT OF NATURE BESTOWED ON US
जवाब देंहटाएंmaa ko meri vinamra shraddhanjali.santan ka maa se nata hi aesa hota jo sadaev jivit rhta hae....
जवाब देंहटाएंमन के भावों को व्यक्त करती बहुत सुंदर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंमाँ को नमन!
जवाब देंहटाएंमाँ को तो कभी भुलाया ही नहीं जा सकता ....
जवाब देंहटाएंbahut sunder bhav..........maa to maa hoti hai usko nahi bhula sakte hai
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