हँसते-हँसाते राजीव तनेजा

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  • Sumit Pratap Singh
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  • प्यारे मित्रो

     सादर ब्लॉगस्ते!

     आज मैं बोले तो आपका मित्र सुमित प्रताप सिंह आप सबसे मिलवाने लाया हूँ  हँसने और हँसाने में यकीन रखने वाले ब्लॉगर बन्धु राजीव तनेजा से| राजीव तनेजा जी दिल्ली में पैदा हुए...यहीं पले-बढे...इस नाते शुद्ध और खालिस रूप से दिल्ली के ही बाशिंदे हैं...इनकी हास्य-व्यंग्य लिखने तथा पढ़ने में रूचि है...कुछ रचनाएँ ऑनलाइन अखबारों तथा पत्रिकाओं एवं प्रिंट मीडिया में छप चुकी है| अंतर्जाल पर ज्यादा सक्रिय हैं और 'हँसते रहो' के नाम से इनका एक लोकप्रिय ब्लॉग है| रोजी-रोटी का जुगाड़ करने के लिए दिल्ली में ही ये रेडीमेड दरवाजों का एक छोटा सा बिजनैस चलाते हैं|

     सुमित प्रताप सिंह- राजीव तनेजा जी नमस्ते! कैसे हैं आप?

     राजीव तनेजा- जी सुमित जी नमस्ते! अपनी जिंदगी कट रही है हँसते-हँसाते | आप अपनी कहें|

     सुमित प्रताप सिंह- जी मैं भी बिलकुल खैरियत से हूँ| कुछ प्रश्न मन में खलबली मचाये हुए हैं|

     राजीव तनेजा- उन प्रश्नों को अब खलबली मचाने की इजाजत दिए बगैर पूछ ही डालिए|

     सुमित प्रताप सिंह- आपको ये हँसने और हँसाने का शौक कैसे पढ़ा? कभी रोने और रुलाने का मन नहीं करता? आगे पढ़ें
     
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