आज हम मुम्बई पहुँच गये हैं। यह ब्लॉगरी जो न जगह दिखाए। जी हाँ, हम
ब्लॉगरी की डोर पकड़कर अपने घर से करीब डेढ़ हजार किलोमीटर दूर महाराष्ट्र
के ठाणे जिले के कल्याण इलाके में एक महाविद्यालय में अपने ब्लॉगर मित्रों
के साथ कुछ खास चर्चा के लिए इकठ्ठा हो गये हैं। किस-किसका जुटान हो चुका
है यह बाद में। उद्घाटन सत्र शुरू होने जा रहा है। उसके पहले पहली पूरा पढ़ने और टिप्पणी देने का मन हो तो यहां पर क्लिक कीजिए
मुबई में हिन्दी चिट्ठाकारों ने नहीं मचाया धमाल : खूब गंभीरता से विमर्श हुआ
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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सत्यार्थ मिश्र