एक हाथ से ताली बजाने की कुछ सर्वमान्‍य युक्तियां (कविता)

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • आओ एक हाथ से ताली बजाएं
    यूं ही जाकर सड़क पर सरेआम
    किसी के गाल पर चांटा जमाएं
    किसी को जाकर बिना जाने ही
    एक भद्दी सी गाली दे आएं
    चलती हुई बस में साथ बैठे
    सहयात्री को दे दें यूं ही धक्‍का
    रह जाए जिससे वो हक्‍का बक्‍का
    पूछें तो कह दें जोर से चिल्‍ला
    तूने मेरी जेब पर क्‍यूं है ताका
    ख्‍यालों में खोए हुए सड़क पर
    जाते हुए कान में इयर फोन ठूंसे
    आंख में झोंक दें मुट्ठी भर मिट्ठी

    दौड़ती कार के पिछले शीशे पर
    मार दें फेंक कर एक दो पत्‍थर
    चाहे फूट जाए आंख किसी की
    फूट जाए चाहे किसी का सिर
    मोटर साईकिल पर चढ़कर जो
    लूटते हैं चैन सरेआम
    छीनते हैं मोबाइल और
    झपटते हैं बटुए पर
    दौड़ जाते हैं
    वे भी तो एक हाथ से ताली बजाते हैं
    आपकी बात अलग है
    आप तो अपने हाथों की
    ऊंगलियों-अंगूठों के पोरों से
    कीबोर्ड खटखटाते हैं
    आप तो यह मानने से भी घबराते हैं
    जमाना तो एक हाथ से ताली बजा रहा है
    आप डरते हैं, सुनते हैं, जब ऐसी कविता
    तो दोनों हाथों से ताली बजाने में डर जाते हैं
    और तो और पढ़ तो लेते हैं पूरी कविता
    पर जब टिप्‍पणी देनी हो तो यूं ही सरक जाते हैं
    आपके चाहे हों दो की जगह चार हाथ
    तब भी आप ताली नहीं बजा पायेंगे
    बजाने वाले सरेआम एक हाथ से ताली बजाते जायेंगे।

    3 टिप्‍पणियां:

    1. बहुत कुछ पठनीय है यहाँ आपके ब्लॉग पर-. लगता है इस अंजुमन में आना होगा बार बार.। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद !

      जवाब देंहटाएं
    2. शुरुआत आपने ताली से की थी, ल‍ेकिन गाल, शीशा और कितनी चीजें बजवा दीं एक हाथ से।

      जवाब देंहटाएं

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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