"माँ आज तुमने इतनी मार्मिक कविता सुनाई कि श्रोताओं की तालियां रुकने का नाम नहीं ले रही थीं. आज तुमने मेरा जन्मदिन का कार्यक्रम सफल कर दिया." आनन्द अपनी माँ को कार से उतारते हुए बोला. आनन्द की माँ प्यार से उसके सिर पर हाथ फिराते हुए बोलीं, "मेरा बेटा देश का इतना बड़ा कवि है... आगे पढ़ें
गर्व (लघु कथा )
Posted on by Sumit Pratap Singh in
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