कल दो अक्‍टूबर को राजघाट पर मिलेंगे हिन्‍दी ब्‍लॉगर

मिलेंगे मतलब मिलेंगे
यह मत समझना
खाने को समोसे मिलेंगे
हां, आप अपने
ला सकते हैं
खुद खा सकते हैं
जो खाना चाहें
उन्‍हें खिला सकते हैं

मिलना मतलब
सिर्फ खाना पीना नहीं होता
मिलना मतलब
जुलना भी होता है

विचार मिलते हों
मन मिलते हों
फूल मन में खिलते हों
फिर तो मिलने का
खूब मजा आता है

बिना समोसे और चाय
अथवा कोल्‍ड ड्रिेंक के भी
मिलना अच्‍छा लगता है

जब कल मिलोगे
तो सब अपने अनुभव कहोगे
अन्‍नाभाई बुला रहा है
देखते हैं
कल राजघाट पर
मिलने के लिए कौन
कौन आ रहा है

मुझे मालूम है
बापू तो आयेंगे
मैं भी आऊंगा
और आयेंगे आप भी
इतना तो है

विश्‍वास जी।

6 टिप्‍पणियां:

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  2. मिलना सार्थक हो !

    शुभकामनाएँ !!

    शास्त्री जी के घाट तक भी हो आते बंधु !!

    हम तो पूर्व संध्या पर ही मिल कर खड़े हैं न चित्र में :)

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  3. बापू को हमारा भी प्रणाम बोल दीजियेगा । समोसे आप तो खायेंगे नहीं।
    बगल वाले को ठेल दीजियेगा ।

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  4. मिलने न सही जुलने हम आयेंगे,
    अभी से तौल रहे हो तो
    तुलने हम आयेंगे !!

    और आपको कोई समोसा खिलाये
    तो खा लेना,पर भरोसा रखना
    उसे न मिटाना !
    समोसा तो हर गली पे मिलेगा,
    पर भरोसा केवल नुक्कड़ पर दिखेगा !

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  5. भारत के सबसे ईमानदार और कर्मठ प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के जन्म दिवस की शुभकामनाएं...

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