न्यू मीडिया पर राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न

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  • रवीन्द्र प्रभात
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  • हिंदी विश्व की एक मात्र ऐसी लिपि है, जो बोली जाती,वही लिखी जाती है और वही पढ़ी भी जाती है ।यह सर्वाधिक वैज्ञानिक लिपि है। हिंदी रोजगार की भाषा अगर नही है तो इसके लिए काफी हदतक हम स्वयं जिम्मेदार हैं। क्योंकि हमने कभी इसे आत्मसम्मान का विषय नही बनाया। न्यू मीडिया को गलत होने से बचाने के लिए एक मिशन की आवश्यकता होगी ।ब्लॉग जगत निरंकुश होते मीडिया को भी सामने लाने की कोशिश कर रहा है, जो शुभ संकेत का द्योतक है. लेकिन यह स्वयं निरंकुश न हो इसके लिए भी ब्लॉग जगत को सचेत रहना होगा ।

    आने वाला समय हिंदी ब्लॉगिंग का ही है।>>>>

     
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