मेरा मानना है कि ब्लॉग वार नहीं, ब्लॉग पीस कहना चाहिए। हम आरंभ से ही वार नाम देकर आखिर क्या साबित करना चाह रहे हैं क्योंकि नहीं इसे ब्लॉग पीस (शांति) के नाम से संबोधित करते हम। जितने वार, प्रहार इत्यादि नकारात्मक नजरिया है हमारा, इसे बदलकर हमें ब्लॉग पर शांति प्रदान करने का नजरिया विकसित करना चाहिए।
मेरा नजरिया तो यही है, आपका क्या है, यहां भी लिख सकते हैं और सीधे www.khulamanch.nbt.in पर लॉगिन करके भी अपनी बात लिख सकते हैं। दोनों ही जगह पर लिखेंगे तो और अच्छा रहेगा।
आज दिनांक 21 सितम्बर 2011 के नवभारत टाइम्स के संपादकीय पेज पर प्रस्तुत एनबीटी नजरिया और यशवंत सिंह के विचार पढ़कर आप भी अपनी बात बिल्कुल साफ शब्दों में कहिए, अच्छा लगेगा।
मेरा नजरिया तो यही है, आपका क्या है, यहां भी लिख सकते हैं और सीधे www.khulamanch.nbt.in पर लॉगिन करके भी अपनी बात लिख सकते हैं। दोनों ही जगह पर लिखेंगे तो और अच्छा रहेगा।
आज दिनांक 21 सितम्बर 2011 के नवभारत टाइम्स के संपादकीय पेज पर प्रस्तुत एनबीटी नजरिया और यशवंत सिंह के विचार पढ़कर आप भी अपनी बात बिल्कुल साफ शब्दों में कहिए, अच्छा लगेगा।
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