कलमाड़ी स्मृतिदोष की चपेट में आ गए हैं, इसका यह मतलब मत लगाएं कि उन्हें किसी ने चपेट मारी होगी जिससे वे सब भूल गए होंगे। उनका भूलना उन्हें भोलू कहकर पुकारे जाने के लिए पर्याप्त है। कलमाड़ी की याददाश्त वापिस लाने के लिए जरूरत है डॉक्टरों, ओझाओं, तांत्रिकों, झोलाछाप डॉक्टरी ठगों और मुन्नाभाई स्टाइल के चिकित्सकों की क्योंकि एक ठग ही दूसरे ठग की यादों को सुरक्षित तौर पर लौटा कर वापिस ला सकता है। मुझे तो यह महसूस हो रहा है कि कलमाड़ी ने खुद ही छिपा दी होगी अपनी याददाश्त और शोर मचा दिया कि ... पूरा पढ़ने, वोट देने अथवा प्रतिक्रिया दर्ज करने के लिए यही रास्ता है
कसाब, खेल, याददाश्त, भारत रत्न और बहानेबाजी
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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नभाटा
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