"हैदराबाद, 1 मई, 2011. यहाँ दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा द्वारा संचालित उच्च शिक्षा और शोध संस्थान के 'साहित्य संस्कृति मंच' और स्टेट बैंक ऑफ़ हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को अज्ञेय जन्म शती समारोह के अंतर्गत एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी और पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया.
समारोह के उद्घाटन सत्र में मुम्बई से मुख्य अतिथि के रूप मे आए प्रो त्रिभुवन राय ने उद्घाटन भाषण में 'अज्ञेय की रस-चेतना' की व्याख्या करते हुए कहा कि अज्ञेय की साहित्य यात्रा सत्य की यात्रा है और वे मूलत आनंद की राह के अन्वेषी हैं. अज्ञेय की कई छोटी-बड़ी कविताओं की रस-शास्त्रीय विवेचना करते हुए प्रो.राय ने बताया कि
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दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा में अज्ञेय जन्मशती समारोह संपन्न
Posted on by पुष्कर पुष्प in
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