संगीता जी ने सजाई है गीता बेहद मनमोहक स्‍वरूप चर्चा का : वंदना जी खूब खुश हैं आज, कोई मिल गया

खुश तो सब हैं
कुछ अब हैं
कुछ तब होंगे
जब होगी
उनकी चर्चा

हम सदैव
रहते हैं खुश
किसी की भी
हो  चर्चा

मिलती है टिप्‍पणी
तो खुशी होती है
नहीं मिलती है
तो खुशी होती है

पसंद का
नहीं है चक्‍कर यहां
नहीं बनता है कोई
घनचक्‍कर यहां

पढ़ते हैं
पढ़ाते हैं
अच्‍छे विमर्श
सदा मन भाते हैं

संगीता जी ने सजाई है
मन सबके ही भाई है
लिंक सारे पढ़ लेना
मन आए तो
उन पर टिप्‍पणी
अवश्‍य कर देना।

कुछ कहना चाहते हैं तो यहां कहें रास्‍ता यह है
 
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