कच्ची उम्र में विवाह के बंधन में बांध दिए जाने वाले बच्चों का जीवन कितना तकलीफों भरा हो सकता है यह समझना किसी के लिए मुश्किल नहीं। यहां तक कि उन अभिभावकों के लिए भी नहीं जो खुद मासूमों को नव दंपत्ति के रूप में आशीर्वाद देते है। ऐसा इसलिए कह रही हूं क्योंकि राजस्थान के गांव से जुङे होने के कारण ऐसे बाल विवाह काफी करीब से देखे हैं। उन अभिभावकों के साथ बैठकर बात भी की है जिनमें हम जागरूकता की कमी मानते हैं। आमतौर पर बाल विवाह जैसी कुरीति के विषय में समाचार पत्र भी इन खबरों से अटे रहते हैं कि गांवों में लोग अशिक्षित हैं और यह नहीं समझते कि बाल विवाह यानि कि बचपन में बनने वाले इस रिश्ते का उनके मासूम बच्चों के जीवन पर क्या प्रभाव होगा ? कृपया यहाँ पढ़ें ....
बाल विवाह - कुरीति एक.........कारण अनेक.....!
Posted on by डॉ. मोनिका शर्मा in
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Dr Monika Sharma
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It should be declared a heinous crime .Save our children ,generation & deviation from development.
जवाब देंहटाएंThanks a lot to raise the burning issue ,its very needed to countrymen .
हां अभी भी देश के भीतरी इलाक़ों में यह समस्या बनी हुई है. समुचित शिक्षा की बहुत ज़रूरत है
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