जिंदा हूं मैं, परिंदा नहीं |
मर नहीं सकता लादेन कभी
जिंदा रहेगा सदा वो
चाहे तो पुतले जलाकर देख लो
उसे करंट लगाकर देख लो
देख तो वो भी रहा है सबको
ऊपर से, आसमान से
बैठकर किसी यान में
अपने आतंकी अभियान में
कैसे मिटाओगे
आतंक को निपटाओगे
उससे पहले खुद ही
निपट जाओगे
लिपट जाओगे
आतंक में नहाओगे
आतंक को बहाओगे ........ यह कविता का मध्ययुग है, पूरे युग का आनंद लेने के लिए इस लिंक को चटकाओ।