दुखी नहीं हूं मैं (अविनाश वाचस्‍पति) पर दुखी होना चाहता हूं कि सब सुखी हो जाएं : पुण्‍यजी तो मिलेंगे

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  • हिन्‍दी ब्‍लॉगर
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  • मेरे मन के राही मुकुल भाई
    कार्यक्रम का जीवंत प्रसारण जबलपुर से पधारे भाई गिरीश बिल्‍लौरे मुकुल, दिल्‍ली से पद्म सिंह, कनिष्‍क कश्‍यप, हिन्‍दी भवन के भाई नगीन, भाई सीताराम और भाई बलवंत इत्‍यादि ने संभाली हुई है। बलवंत जी सीढ़ी से फिसले भी हैं पर सौभाग्‍य से उन्‍हें चोट नहीं आई है। हमने पूरा प्रयास किया है कि यह प्रसारण अच्‍छी गुणवत्‍ता का जायेगा परंतु कई बार परिस्थितियों पर हमारा वश नहीं चलता है। सभी चाहते हैं कि सब अच्‍छा ही अच्‍छा हो। पर सब यह भी जानते हैं कि ऐसा कभी नहीं हो सकता है। इसलिए इस आयोजन से जुड़ी सभी खामियों के लिए अकेला सिर्फ मैं जिम्‍मेदार हूं और इससे प्राप्‍त उपलब्धियों का श्रेय आप सबके हिस्‍से पूरा पढ़ने के लिए क्लिक कीजिएगा
     
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