मजदूरों के लिए क्या आजादी और क्या गुलामी!

Posted on
  • by
  • पुष्कर पुष्प
  • in
  • मजदूरों के लिए क्या आजादी और क्या गुलामी!: "एक दिन बाद यानी 1 मई को देशभर में बड़ी-बड़ी सभाएं होगी, बड़े-बड़े सेमीनार आयोजित किए जाएंगे, जिनमें मजदूरों के हितों की बड़ी-बड़ी योजनाएं भी बनेगी और ढ़ेर सारे लुभावने वायदे किए जाएंगे, जिन्हें सुनकर एक बार तो यही लगेगा कि मजदूरों के लिए अब कोई समस्या ही बाकी नहीं रहेगी। इन खोखली घोषणाओं पर लोग तालियां पीटकर अपने घर लौट जाएंगे, किन्तु अगले ही दिन मजदूरों को पुनः उसी माहौल से रूबरू होना पड़ेगा, फिर वही शोषण, अपमान व जिल्लत भरी गुलामी जैसा जीवन जीने के लिए अभिशप्त होना पड़ेगा, जिसे दूर करने के नेताओं ने मजदूर दिवस के दिन बड़े-बड़े दावे किए थे। वास्तविकता तो यह है कि मई दिवस अब महज औपचारिकता रह गया है।

    - Sent using Google Toolbar"

    1 टिप्पणी:

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
    Copyright (c) 2009-2012. नुक्कड़ All Rights Reserved | Managed by: Shah Nawaz