धड़क धड़क धड़क धड़क : बजट धक धक करता है

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • कटता दिखता है वैसे तो काटता है
    बजट के आने की आहट से ही सेंसेक्‍स सेक्‍स की भांति ऊफान मारने लगता है। पर रबर की गेंद की मानिंद खूब टप्‍पे खाता है। हर बार यह लगता है कि ऊपर जा रहा है, अब वहां तक पहुंचने के लिए सीढ़ी या लिफ्ट का जुगाड़ करना पड़ेगा परंतु वो फिर नीचे लौट आता है। आप जब तक उसे पकड़ने की सोचते हैं, तब तक फिर उछल उछल जाता है। सही मायनों में निवेशकों को छल जाता है। उसके खातों में मानो, छलनी फिक्‍स हो जाती पूरा पढ़ने के लिए आप यहां कैंची, अरे नहीं माउस, से क्लिक करें
     
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