सट्टा वैध किया जाए क्योंकि आप इसे किसी तरह रोक तो नहीं सकते। फिर इसे कानूनी जामा पहनाकर टैक्स न वसूलना वेब कूफी ही कही जाएगी, इसे आप अन्तर्जाल की संबंधी मत समझिएगा। फिर क्या है यह, जानने और बतलाने के लिए क्लिक कीजिएगा
सट्टेबाजी सरकार हो राजी
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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Avinash Vachaspati,
cricket,
Kavita nahin vyangya
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