न्यूज एंकरिंग स्पेस पर महिलाओं का वर्चस्व: "सत्तर के दशक में ब्रिटिश टेलीविजन में महिला एंकर एंजिला रिपन और अन्ना फोर्ड नियमित तौर पर समाचार पढ़ने लगीं तो यह आम लोगों के साथ-साथ प्रेस के लिए भी बड़ा अजूबा बना। समाज में एक नई भूमिका के साथ मैदान में उतरी ये महिलाएं चुटकुलों, तस्वीरों और द्विअर्थी टिप्पणियों का शिकार बनीं। उनकी लिपस्टिक और टेबल के पीछे छिपी टांगों पर छींटाकशी होती रही। यहां तक कहा गया कि टीवी के स्क्रीन पर खबर पढ़ रही महिला को देखकर पुरुषों की आंखें फिसलती हैं। ऐसे में खबर पर ध्यान को टिकाना सहज नहीं हो पाता और खबर भी सिर्फ खबर भर नहीं रह पाती। लेकिन इस कटाक्ष के बावजूद महिलाएं खटाखट खबर पढ़ती गईं और धीरे-धीरे पूरी दुनिया में भी स्वीकार्य होती चली गईं।
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न्यूज एंकरिंग स्पेस पर महिलाओं का वर्चस्व
Posted on by पुष्कर पुष्प in
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Sir good After noon gurpreet singh Yamuna nagar se photo journalist
जवाब देंहटाएंNow you are braking New of our blog
पता नही जी...
जवाब देंहटाएंThis is good that women are coming forward. It is also true that the male viewers would like to take the pleasure of looking at the uncovered part of woman body. But that should not be an obstacle as this is but natural and need not be taken seriously.
जवाब देंहटाएंडॉ. दिव्या श्रीवास्तव ने विवाह की वर्षगाँठ के अवसर पर किया पौधारोपण
जवाब देंहटाएंडॉ. दिव्या श्रीवास्तव जी ने विवाह की वर्षगाँठ के अवसर पर तुलसी एवं गुलाब का रोपण किया है। उनका यह महत्त्वपूर्ण योगदान उनके प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता, जागरूकता एवं समर्पण को दर्शाता है। वे एक सक्रिय ब्लॉग लेखिका, एक डॉक्टर, के साथ- साथ प्रकृति-संरक्षण के पुनीत कार्य के प्रति भी समर्पित हैं।
“वृक्षारोपण : एक कदम प्रकृति की ओर” एवं पूरे ब्लॉग परिवार की ओर से दिव्या जी एवं समीर जीको स्वाभिमान, सुख, शान्ति, स्वास्थ्य एवं समृद्धि के पञ्चामृत से पूरित मधुर एवं प्रेममय वैवाहिक जीवन के लिये हार्दिक शुभकामनायें।
आप भी इस पावन कार्य में अपना सहयोग दें।
http://vriksharopan.blogspot.com/2011/02/blog-post.html