टुडे २४ पर ९ फरवरी को छपी कविता निम्न लिंक पर देखिये
http://todays24.com/sahityik. php?newscat=14
एक ठहरी हुई निश्छल शांत झील अपनी गति से प्रवाहमान जिसमे हर कोई अपना अक्स देख सकता है आते हैं रोज कुछ लोग अपनी.... | |
http://todays24.com/sahityik.
badhai....
जवाब देंहटाएं.. अच्छा लगा आपको पढ़ना ...
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई!
जवाब देंहटाएंbadhai ho badhai. comment vahi diya hai.
जवाब देंहटाएंअच्छे शब्दों का चयन, सुन्दर शब्दांकन आपकी विशेषता है, पढ़कर सुखद लगा , बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई ...वंदनाजी .....
जवाब देंहटाएंबधाई ... कल आपकी यह पोस्ट चर्चामंच पर साझा करुँगी ... आपका आभार ..
जवाब देंहटाएंbahut-bahut badhai ...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना !
जवाब देंहटाएंachchhee lagi kavita , Vandana ji ..
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