10 फरवरी 2011 को शुरू हुई तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय प्रवासी कहानी संगोष्ठी का समापन सत्र आज शनिवार 12 फरवरी 2011 को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर होगा।
इस संगोष्ठी की विशेषता रही कि 100 से अधिक साहित्यकारों ने विभिन्न विषयों पर अपने आलेख पढ़े। लगभग 18 प्रवासी साहित्यकारों ने ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका, आबू धावी, शारजाह आदि के लेखकों ने इस संगोष्ठी में शिरकत की।
भिन्न विषयों पर आलेख पढ़े गये और पहली बार उपस्थित प्रवासी लेखकों के लेखन पर भारतीय आलोचकों ने आलेख पाठ किया। इस संगोष्ठी में कनाडा से स्नेह ठाकुर, आबू-धावी से कृष्ण बिहारी, शारजाह से पूर्णिमा वर्मन और प्रवीण सक्सेना और ब्रिटेन से काउंसलर जकीया जुबैरी, डॉ. अचला शर्मा, दिव्या माथुर, नीना पाल, जय वर्मा, कृष्ण कुमार, चित्रा कुमार, अरुण सब्बरवाल ने हिस्सा लिया।
भारत से राजेन्द्र यादव, संजीव, भगवानदास मोरवाल, प्रेम जनमेजय, भारत भारद्वाज, हरि भटनागर, महेश दर्पण, मधु अरोड़ा, उमेश चतुर्वेदी, अजय नावरिया, शंभु गुप्त, विजय शर्मा, साधना अग्रवाल, अमरीक सिंह दीप, अरूण आदित्य, मनोज श्रीवास्तव, निर्मला बुराडि़या, दिवाकर भट्ट, नीरजा माधव, पंकज सुबीर, नीलम शर्मा अंशु, अविनाश वाचस्पति जैसे जाने माने साहित्यकारों ने गोष्ठी के दौरान अपने विचार रखे।
कथा यू के ने एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जिसमें संस्था ने अपनी गतिविधियों और विदेशी साहित्यकारों का परिचय आदि प्रदर्शित किए ।
डीएवी गर्ल्स कॉलेज, यमुनानगर की प्रिंसीपल डॉ. सुषमा आर्य ने कॉलेज की ओर से सभी उपस्थित साहित्यकारों का सम्मान किया।
समापन समारोह में प्रवासी साहित्य स्मारिका का लोकार्पण किया जाएगा।
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