समीर जी ने ब्लोगिंग पर
दो शब्द कहे
होठों से मानो फूल झडे
ब्लोगिंग का झंडा बुलंद रहे
सार्थक ब्लोगिंग का जज्बा बहे
पूरी कहानी कविता में जानने के लिए यहां पर क्लिक करें और अपनी लघुकथा रूपी टिप्पणी दर्ज करें
दो शब्द कहे
होठों से मानो फूल झडे
ब्लोगिंग का झंडा बुलंद रहे
सार्थक ब्लोगिंग का जज्बा बहे
पूरी कहानी कविता में जानने के लिए यहां पर क्लिक करें और अपनी लघुकथा रूपी टिप्पणी दर्ज करें