ए राजा को अदालत ने 5 दिनों की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है, अब संभवतः उनके दिल (?) में दर्द हो जाए, उनकी साँसें उखड़ने लगें. वैसे राजा को प्रजा की तरह जेल भेजने के पीछे भी केन्द्र सरकार की नीयत में खोट नज़र आता है. दरअसल संसद का बजट सत्र शुरू होना है, विपक्ष जेपीसी की मांग पर अडिग है, और सरकार नहीं चाहती कि इस सत्र का हश्र भी शीतकालीन सत्र जैसा हो. अभी कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होना है, कहीं इस राजा के कारनामों के कारण वहाँ कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ न हो जाए, वैसे बिना राजा के भी इसके आसार ज़्यादा हैं.
मिट गया;राजा' प्रजा का अंतर
Posted on by उपदेश सक्सेना in
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बिल्कुल सही कहा सब नाटक है |
जवाब देंहटाएंsach hai.
जवाब देंहटाएंsab kuchchh rajnaitik nafa-nuksan ke hisab se hi ho raha hai.