अपनी सेवानिवृत्ति के बाद वे काफी समय तक उरई शहर में ही रहे और फिर अपनी आयु और शारीरिक अस्वस्थता के कारण वे अपने इकलौते पुत्र अभिनव उन्मेश कुमार के साथ रहने लगे। अन्तिम समय तक वे किसी न किसी रूप से स्वयं को सक्रिय बनाये रखे रहे। वे अपने पीछे अपनी पत्नी, पुत्री-दामाद, पुत्र-पुत्रबधू, नाती-नातिनों को छोड़ गये। पूरा पढ़ने और श्रद्धांजलि देने के लिए यहां पर क्लिक कीजिए
डॉ0 ब्रजेश कुमार (प्रधान सम्पादक--स्पंदन) का निधन
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
Labels:
अपूरणीय क्षति,
डॉ० कुमारेन्द्र सिंह सेंगर,
डॉ0 ब्रजेश कुमार