देख लूं तो चलूं का विमोचन समारोह
दिनांक 18/01/2011 को सायं 04:00 बजेस्थान: होटल सत्य अशोका प्रेक्षागार,जबलपुर
मुख्य-अतिथि:-ज्ञानरंजन जी / अध्यक्ष:-डा० हरिशंकर दुबे
विशिष्ठ अतिथि : डा० राजेंद्र चन्द्रकांत राय
::कार्यक्रम ::
कार्य बिन्दु | विवरण | |
स्वागत · श्रीयुत ज्ञानरंजन · डा० हरिशंकर दुबे · श्री राजेंद्र चन्द्र कांत राय · श्री पी०के० लाल · श्री समीर लाल | स्वागतकर्ता · श्री पी.के. लाल,श्री समीर लाल · श्रीमति साधना लाल · श्री बवाल · डा० विजय तिवारी ’किसलय’ · पंकज गुलुश/राजेश दुबे/महेन्द्र मिश्र | |
अभिव्यक्ति v स्वागत एवम पुस्तक के बारे में v लेखक के बारे में v आशीर्वचन Ø अतिथि-उदबोधन Ø आभार अभिव्यक्ति | v डा०विजय तिवारी ’किसलय’ v पंकज गुलुश v गिरीश बिल्लोरे मुकुल v श्री पी०के० लाल Ø श्री राजेंद्र चन्द्रकांत राय Ø श्रीयुत ज्ञानरंजन Ø डा० हरिशंकर दुबे Ø श्री समीर लाल ’समीर’ | |
::स्वल्पहार :: |
नोट:-मिसफ़िट :सीधीबात http://sanskaardhani.blogspot.com/ तथा http://editers.blogspot.com/ से किया जावेगा
बधाइयाँ
जवाब देंहटाएंबधाई तो दे ही रहा हूं
जवाब देंहटाएंपूछ रहा हूं शहर का नाम
भी
जबलपुर है या रायपुर
सोचने वाले इसे दिल्ली सोच रहे हैं
उचित ज्ञान दीजिएगा।
ab durust hai bhai saab
जवाब देंहटाएंहो मंगल गान
जवाब देंहटाएंयेही आस सदा करू
कौन ठोड आप बिराजे
विनती मैं दास करू !
हो बधाई स्वीकार
पावन कार्य कि
स्मरण रहे ये अवसर
गूंजती रहे करतल ध्वनी
कानो में , ऐसा काज सदा करे !
हार्दिक बधाई समीर जी को।
जवाब देंहटाएंबधाइयाँ
जवाब देंहटाएंसमीर लाल जी को कोटिशः बधाइयाँ।
जवाब देंहटाएंइस समारोह की विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा रहेगी। विशेष रूप से इस की कि ज्ञानरंजन जी ने क्या कहा।
और जो नेट के जरिए शामिल होंगे उनके लिए स्वल्पाहार की बजाय उनकी पोस्टों पर सभी उपस्थितों की ओर से टिप्पणियां जारी की जा सकती हैं।
जवाब देंहटाएंदेख लूं तो मै भी चलूँ आपके साथ ! बहरहाल एक आकर्षक शीर्षक में इस पुस्तक के प्रकाशन और विमोचन के मौके पर समीर जी को हार्दिक बधाई और बहुत-बहुत शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई व शुभकामनायें !
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