(उपदेश सक्सेना)
महात्मा गाँधी की प्रतिमाओं से देश भर में जो चीज़ सबसे ज़्यादा चोरी जाती है वह है उनका चश्मा।संभवतः चोरों को इस लंगोटीधारी संत की प्रतिमा में और कोई चीज़ नज़र नहीं आती हो, या चोर यह भी चाह सकते हैं कि गांधी आज के हालात साफ़-साफ़ न देख सकें, वजह जो भी हो एन दिल्ली में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 1931 में स्थापित एक प्रतिमा कई सालों से बिना चश्मे के ‘आज़ाद भारत’ को देखने का प्रयास कर रही है।
यह प्रतिमा राष्ट्रपति भवन के पीछे लुटियन जोन में है, जहां कतार में गांधी जी समेत 11 स्वतंत्रता सेनानियों की आदमकद मूर्तियां हैं। इन्हें 11 मूर्ति के नाम से जाना जाता है। प्रतिमा पर लगा चश्मा चोरी हो गया है, जिसके बाद से वहां की सुरक्षा के लिए एक कमांडो तैनात करने के अलावा पीसीआर वैन व यातायात पुलिस भी तैनात रहती है। प्रतिमा से चश्मे को गायब हुए लगभग छह वर्ष से ज्यादा का समय बीत चुका है। इस बारे में थाने में चश्मा चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज की गई है। वैसे पुलिस इस बात पर एकमत नहीं है कि चश्मा चोरी हुआ है या क्षतिग्रस्त हुआ मगर आधे से ज्यादा दशक बीतने के बावजूद भी दिल्ली पुलिस चश्मे के गायब होने के रहस्य से पर्दा हटाने में असफल रही है। ताज्जुब यह कि 11 मूर्ति के सामने से देश-विदेश के वीवीआईपी भी अक्सर गुजरते हैं। अब गांधी के नाम पर सरकार चलाने वाली सरकारें भी शायद इस बात पर इसलिए मौन हैं क्योंकि वे नहीं चाहतीं कि गांधी उनकी असलियत देख सकें।
.......ताकि गांधी देख न सकें
Posted on by उपदेश सक्सेना in
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चश्मा, अलंकरण भी है, मुद्दा भी.
जवाब देंहटाएंnaw warsh ki shubh kamanayen !
जवाब देंहटाएंbilkul thhik kah rahe hai aap इसलिए मौन हैं क्योंकि वे नहीं चाहतीं कि गांधी उनकी असलियत देख सकें।
जवाब देंहटाएंठीक कहा है आपने,देश के कई वी आई पी वहां से गुजरते हैं मगर उन्हें मूर्तियाँ दिखती है उनका सच ,उनकी हालत नहीं दिखाई देती
जवाब देंहटाएंवैसे भी असली गाँधी की बजाय ५०० के नोट पर लोग ज्यादा ध्यान देते हैं