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भेजे संदेश
बसे हैं देश
अथवा विदेश
शुक्रिया
धन्यवाद
नहीं कहूंगा
मन से दूंगा
शुभ मंगलकामनायें
सब सार्थक रचें
सार्थक पढ़ें
सार्थक बनें
इंसानियत को न खोने दें
दुख में मन को भिगोने दें
देखकर दुख न हों खुश
अपनी खुशी में सदा खुश
विश करें, न दें विष
फेसबुक हो
आर्कुट हो
या हो चिरकुट
खुशी का बिस्कुट
सब चबायें
सबको चबाने दें
ब्लॉगों को पोस्ट से
पोस्ट को टिप्पणी से
महकने दें
गलत राह पर
मत बहकने दें
हंसे
हंसने दें
हंसाये भी
किसी को
न रोने दें
नींद आ रही हो
तो सोने दें
लिंक
अविनाश जी आपको एवं आपके परिजनों व मित्रों को नववर्ष 2011 की मंगलकामनाएं।
जवाब देंहटाएंनूतन वर्ष 2011 की मंगलकामनाएं।
जवाब देंहटाएंमंगलकामनाएँ...
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंखुशियों के बिस्किट्स खुद भी खायेंगे
जवाब देंहटाएंदूसरों को भी खिलाएंगे
विवादों पर रखेंगे मौन
चाहे फिर वे कितना ही कहे
हम आपके हैं कौन?( माँ??)
हा हा हा
टिप्पणियों के बदले कविता सुनाते हैं
जहाँ जाते हैं छा जाते हैं
तभी जो देखता है आपको
हमारा ही बेटा बताते हैं (ए ल्लो कर लो फिर माँ???)