लेगेसी इंडिया : आइये जानें : लोकार्पण पर पधारें बृहस्‍पतिवार 20 जनवरी 2011 : आज बीस जनवरी है

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • लेगेसी इंडिया
    है तो पत्रिका
    पर क्‍या है अलग
    मासिक है
    द्विभाषी  है

    विकासात्‍मक संचार क्‍या है
    किया है इस पर मंथन
    और जो आया है छन छन
    वो सब इसमें समाहित है

    वंचितों की आवाज को
    वंचित न रहने दिया जाये
    नीति नियामकों तक पहुंचाया जाये


    "डेवेलपमेंट कम्युनिकेशन विद पोलिटिकल इंटरवेंशन". समान सोच रखने वाले प्रतिबद्ध स्वयंसेवी अनुभवी मीडियाकर्मियों की टीम ने पत्रिका को आधार प्रादान कर रही है. डेवेलपमेंट जर्नलिज्म को भविष्य की पत्रकारिता मानने वाली लेगेसी इण्डिया की टीम ने युवा पत्रकारों को पत्रिका से जोड़ने के लिए "नयी पौध की कलम" नामक स्तम्भ भी शुरू किया है. विभिन्न मिडिया संस्थानों के छात्र इसमें विकासपरक लेख भेज सकते हैं. छपे आलेखों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी. शोध संस्थानों, जन आन्दोलनों, गैर सरकारी संगठनों, अकादमिक पृष्ठभूमि के लोगों, कार्पोरेट समूहों, सरकारी एजेंसियों इत्यादि को भी मिलकर एक "एकीकृत डेवेलपमेंट कम्युनिकेशन मॉडल" तैयार करने पर पत्रिका काम कर रही है.
    पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र सुनील शास्त्री पत्रिका के एडिटर इन चीफ हैं. संपादक अतनु भट्टाचार्य और यु.एस. मिश्रा एसोसिएट एडिटर हैं. प्रसिद्ध आर्थिक पत्रकार रमन स्वामी और कोलकाता के डोक्युमेंटरी निर्माता बिवास भट्टाचार्य कंसल्टिंग एडिटर हैं. जबकि सम्पादकीय सलाहकार मंडल में भोपाल स्थित संस्था "विकास संवाद" से जुड़े सचिन जैन, वाइल्ड लाइफ पत्रकार राजेन्द्र अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार रेनू मित्तल, जीएनएन न्यूज के प्रबंध संपादक अमिताभ भट्टाचार्य, प्रसिद्ध स्तंभकार राधा विश्वनाथ प्रख्यात महिला पत्रकार अंगना पारीख, और चर्चित राजनीतिज्ञ विश्लेषक सुदेश वर्मा शामिल
    हैं. इसके अलावा विपुल शर्मा, सुशील राघव, शिरीष खरे, राजेश अग्रवाल, राजीव शर्मा, रितेश पाठक, अरुण कुमार और मनीष सिंह विशेष प्रतिनिधियों की टीम में शामिल हैं. आपसे निवेदन है कि समय निकाल २० जनवरी को लेगेसी इण्डिया के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होकर कृतार्थ करें. कार्यक्रम का ब्यौरा इस प्रकार है.....

    स्थान: स्पीकर हॉल, कॉस्टीट्यूशन क्लब, नयी दिल्ली
    समय: ३:३० सांय
    मुख्य अतिथि: के. रहमान खान (उपाध्यक्ष-राज्यसभा)

    1 टिप्पणी:

    1. इस नयी पत्रिका के लिए शुभकामनाएं

      आजकल पत्रकारिता में चुनौतियां बहुत हैं
      और जिम्मेदारियां भी

      जवाब देंहटाएं

    आपके आने के लिए धन्यवाद
    लिखें सदा बेबाकी से है फरियाद

     
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