मैं कलैण्डर हूं काव्यांचल |
मैं कलैण्डर हूं
मुझसे बात करना चाहते हैं
या मिलना चाहते हैं मुझसे
मिलने की इच्छा तो होगी ही
मुझे अपने घर भी ले जाना चाहेंगे
जहां घूमती हैं छिपकलियां
वहां टांग देंगे मुझे
पर मैं निडर हूं
गिरने पर भी डरता नहीं
पल पल न सही
दिनों का रखता हूं हिसाब
इसलिए लोग चाहते हैं
ले जाना बेहिसाब
पर आप आइये
तो हिन्दी भवन जनाब
मैं आपका कर रहा हूं
इंतजार।
अविनाश जी बहुत बहुत शुभकामनायें और हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंहिन्दी भवन का पता बताया जाए या स्पीड पोस्ट से केलेण्डर भिजवाया जाए
जवाब देंहटाएंअविनाश जी बहुत सुंदर, आप को बधाई,धन्यवाद
जवाब देंहटाएंहिन्दी भवन के पते के लिए उपर इमेज की मेज पर माउस से क्लिक कीजिए। क्लिक करते ही आपके घर की दीवार पर कलैण्डर नमूदार हो जाएगा।
जवाब देंहटाएंआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (13/12/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
calendar ka aatmkathya!
जवाब देंहटाएंsundar!