चिंतित न हों, निश्चिंत रहें : मानस के मोती

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  • अविनाश वाचस्पति
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  • प्रिय साथियों आजकल गोवा में हूं और 4 दिसम्‍बर को दिल्‍ली लौटना होगा और तभी ब्‍लॉगिंग के कार्यों में गति आएगी। तब तक आपको मानस के मोती की मेल इत्‍यादि यदा-कदा ही प्राप्‍त होंगी। मेरे पास अब तक बीसियों फोन आ चुके हैं कि क्‍या मानस के मोती से मेरी सदस्‍यता रद्द कर दी गई है, ऐसा बिल्‍कुल नहीं है। बस व्‍यस्‍तता का परिणाम है, नेट से अधिक न जुड़ पाने के कारण न तो लिख पा रहा हूं और पोस्‍ट तो कर ही नहीं पा रहा हूं। यही सूचना काफी कठिनाई से दे पा रहा हूं, कोशिश है कि पोस्‍ट लग सके।
    शेष फिर। प्रसन्‍न रहें प्रसन्‍न रखें की कामना के साथ।
    सादर/सस्‍नेह

    मेरा 4 दिसम्‍बर तक के लिए मोबाइल नंबर 09420920422 है।
    फिर भी काफी संख्‍या में वे सदस्‍य भी होंगे जो मेल न मिलने से राहत पा रहे होंगे, वे मुझे सूचित कर सकते हैं, उनको राहत कार्यक्रम जारी रखा जाएगा और इस सूची से उनके ई मेल को मुक्‍त कर दिया जाएगा। 

    1 टिप्पणी:

    1. आप निश्चिंतावस्था में प्रसन्न मन से अपनी यात्रा न सिर्फ पूर्ण करें बल्कि वर्तमान में उसीका आनन्द लें । इस ब्लागवुड की गतिविधियां तो चलती ही रहेंगी । आपकी वर्तमान गोआ यात्रा की आनन्दमयी शुभकामनाएँ...

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