देशी घी में चुपड़ी दो रोटियां : डीएलए 9 नवम्बर 2010 के अंक में
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चुपड़ी और दो दो,
रोटी
सारा मानव जीवन पेट भरने के यत्न-प्रयत्न की जद्दोजहद है। जिसे आमजन से लेकर विशेषजन तक दो रोटी का जुगाड़ कहता है। जिस दो रोटी की बात की जाती है, वे दो नहीं, दर्जनों होती हैं और सिर्फ रोटियां ही नहीं, दाल, सब्जी, मिठाई, पानी की व्यवस्था और उन पर चुपड़ने के लिए देशी घी की कॉम्बो स्कीम होती है। पानी इंसानी आंखों को भी मयस्सर ......
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