‘‘आज के समय में यह भी एक बड़ा भारी काम है कि अपनी और दूसरों की रचनाशीलता को बचाने और बढ़ाने का प्रयास किया जाये। उसे आज के रचना-विरोधी माहौल में असंभव न होने दिया जाये। क्या इसके लिए कोई सकारात्मक पहल की जा सकती है? यदि हाँ, तो कैसे? इस पर रचनाकारों को मिल-बैठकर, आपस में, छोटी-बड़ी गोष्ठियों और सम्मेलनों में विचार करना चाहिए। लेकिन इंटरनेट भी एक मंच है, इस पर भी इस सवाल पर बात होनी चाहिए। नहीं?’’
यह कहना है जाने माने कहानीकार और उपन्यासकार रमेश उपाध्याय का। वे अपने ब्लाग बेहतर दुनिया की तलाश में इस बारे में महत्वपूर्ण चर्चा कर रहे हैं।मेरा अनुरोध है कि ब्लाग की इस दुनिया के सभी साथियों को इस विमर्श में भागीदारी करनी चाहिए। तो कृपया इस ब्लाग पर जाएं और अपनी बात दर्ज करें।
रचनाशीलता को बचाने और बढ़ाने का प्रयास : राजेश उत्साही
Posted on by राजेश उत्साही in
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लेखन व पाठन में गुणवत्ता को प्रोत्साहन देना होगा।
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