जो टिप्पणियां देते हैं खुलकर उन्हें सम्मान मिलता है स्वर्णपर |
आज मैं बहुत खुश हूं
मुझे इनाम मिला है
सच कहूं नाम मिला है
दो दिन लेखन रहेगा स्थगित
करूंगा सिर्फ टिप्पणियां मैं
आप अपनी पोस्ट का
लिंक नीचे टिप्पणी में
दे जायें
मैं गारंटिड टिप्पणी दूंगा
पर आलोचना भी हो सकती है
जो डरते न हों
टिप्पणी चाहते हों
वे आयें और अपनी पोस्ट का
लिंक जरूर दे जायें
जाने दोबारा यह मौका कब आयेगा
जब मुझे टिप्पणी देने के लिए इतना प्यार आयेगा
ओपन ऑफर है
टिप्पणियों का सफर है
आपके ब्लॉग का हमसफर बन जाऊं
मन से ऐसा मैं चाहूं।
बहुत बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंकाजल जी की ताजा पोस्ट पर टिप्पणी दे दी गई हैं। जांच सकते हैं
जवाब देंहटाएं।
बहुत-बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंhttp://hansteraho.blogspot.com/2010/09/blog-post.html
धन्यवाद जी :-))
जवाब देंहटाएंस्वागत है आपका
जवाब देंहटाएंतनेजा जी की ब्लॉग पोस्ट पर तली हुई टिप्पणी पहुंचा दी गई है। देख आइये।
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई और शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंबधाईयाँ जी बधाईयाँ
जवाब देंहटाएंढेर सारी बधाईयां
'दो दिन लेखन रहेगा स्थगित
जवाब देंहटाएंकरूंगा सिर्फ टिप्पणियां मैं'
क्योंकि ब्लॉग-टिप्पणियाँ 'लेखन' के अन्तर्गत नहीं आती हैं।
बलराम भाई
जवाब देंहटाएंटिप्पणियां तो पोस्टों को
खनखनाने की थाती हैं।
बहुत बहुत बधाई!!
जवाब देंहटाएंएक से ज्यादा ब्लाग चलेंगें क्या :)
http://dharmjagat.panditastro.com/2010/09/blog-post.html
http://bakwasbaji.panditastro.com/2010/09/blog-post.html
मैं उस विवरण में तो नहीं जाना चाहता, जिसकी वजह से मजबूर होकर बिग बी जी को यह निर्णय लेना पड़ा?
जवाब देंहटाएंhttp://nukkadh.blogspot.com/2010/08/blog-post_5134.html
Sir आपकी टिप्पणी?
प्रार्थी आपकी टिप्पणी के इंतिज़ार में पलक पांवडे बिछाए बैठा है. अगर इतना बडा ब्लागर मुफ्त आफर दे रहा है तो शायद कोई बेवक़ूफ ही इस अवसर से वंचित रहना चाहेगा.
जवाब देंहटाएंसर्वत भाई आपने नाचीज को बड़ा मानकर अपना बड़प्पन साबित करने का अवसर नहीं गंवाया, मैं भी नहीं गंवाता, अगर ऐसा अवसर मिलता।
जवाब देंहटाएंवत्स जी
जवाब देंहटाएंएक से अधिक ब्लॉग
नहीं चलेंगे
पर तेजी से दौड़ेगे
वैशाखनंदन रजत सम्मान - २०१० के लिए आपको सपरिवार बहुत-बहुत शुभकामनाएँ और ढेरों बधाईयाँ।
जवाब देंहटाएंसादर
जगदीप दांगी
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएं--
आपकी योग्यता ओर सक्रियता का सम्मान तो होना ही चाहिए!
धन्यवाद अविनाश जी, टिप्पणी तो तब पायेगें न हम जब कुछ लिखेगें। आज कल तो स्याही सूखी पड़ी है और कलम टूटी पड़ी है, आप फ़िर किस पर टिपियायेगें…।:)
जवाब देंहटाएंआपकी बारी तो आएगी बाद में
जवाब देंहटाएंपहले मैं ही आता हूं
आपके सम्मान में मुहर लगाता हूं
स्वीकार करें साथ में बधाई भी
मज़ा तो तब है, जब
टिप्पणि के साथ साथ बंटे मिठाई भी!!
अनीता जी टिप्पणी देने के लिए पोस्ट की जरूरत नहीं होती
जवाब देंहटाएंपोस्ट लगायें, कहते रहें बार बार, यह भी टिप्पणी ही है होती
मनोज जी टिप्पणी का मजा न कम कीजै
जवाब देंहटाएंटिप्पणी को कभी मिठाई से कमतर न आंकें
मिठाई डायबिटीज वालों को डराती है, जबकि
टिप्पणी जीवन में बेनुकसानी मीठापन लाती है
पहले तो बुलाओ
जवाब देंहटाएंफिर जाओ
ये क्या बात हुई
ले लीजिए मेरी भी बधाई ..
बेहतरीन लेखन के बधाई
शुभकामनाएं
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
अविनाशजी ! आपको बहुत बहुत बधाई ,ऐसी प्रतियोगिताएं भविष्य मैं आयोजित होती रहनी चाहयिए!
जवाब देंहटाएंक्या बात है ....अच्छी प्रस्तुति ....
जवाब देंहटाएं( क्या चमत्कार के लिए हिन्दुस्तानी होना जरुरी है ? )
http://oshotheone.blogspot.com
बहुत बहुत बधाई!!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंअच्छा तो लिंक देना पडेगा …………………वैसे हम डरते नही हैं आप आइये तो सही चाहे आलोचना ही करें मगर आइये तो सही ………………आपका स्वागत है।
अविनाश जी से अपनी यारी है
जवाब देंहटाएंऔर इस बार उन्होंने ही बाजी मारी है
उनके लेखन में है ऐसा जादू, उनकी हर रचना प्यारी है
पुरस्कार की ख़ुशी में शुभकामनाएँ देने की अब हमारी बारी है
उनका टिप्पणियों की झड़ी लगाने का वादा है
अपना ढेरों शुभकामनाएं देने का इरादा है
बार-बार जीतें ढेरों पुरस्कार, यूँ ही बढ़ते रहें आगे
और कामयाबियों के यूँ ही बुनते रहें मकड़ीनुमा धागे
http://janamdin.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंhttp://kalkiduniya.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंhttp://shodh-survey.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंhttp://adskamaii.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंhttp://bspabla.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंhttp://blogbukhar.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंhttp://pcsuraksha.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंhttp://kranteekalamki.blogspot.com/2010/09/blog-post.html
जवाब देंहटाएंhttp://punjabdikhushbu.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंhttp://mysmss.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंhttp://shabdbhandar.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंटिप्पणी रहने भी दोगे तो चलेगा...
जवाब देंहटाएंहमारी तरफ से भी बधाई हो
टिप्पणी के बदले मिठाई हो.
:)
जवाब देंहटाएंअविनाश जी, बहुत बहुत बधाई .................
जवाब देंहटाएंबाकि आपका कंसेप्ट अच्छा लगा...... पर एक बात टिपण्णी देना भी अच्छे लेखन में शुमार होता है - अपन कि नज़र से.
भगवान आपके टिपण्णी देव कारोबार में बरकत करे.............
जवाब देंहटाएंऔर हाँ इनाम कि बहुत बहुत बधाई ..
सभी बतलायें कि क्या उड़नतश्तरी जी की सलाह मान ली जाए। जो सिर्फ मिठाई चाहते हैं, वे बतलायें और मिठाई के साथ टिप्पणी की इच्छा रखने वाले मिठाई का नाम और पोस्ट का लिंक (जिस पर वे टिप्पणी पाना चाहते हैं) अवश्य दे जायें।
जवाब देंहटाएंक्या दीपक बाबा जी का कहा मान लेना चाहिए कि टिप्पणी देना भी अच्छे लेखन में शुमार होता है, यदि आप इस कथन से इत्तेफाक रखते हैं तो अच्छी टिप्पणी की परिभाषा आपकी नजर में क्या है, अवश्य बतलायें ?
आज सुबह-सुबह भाई सुभाष नीरव जी का फोन आने की वजह से एमरजेंसी पोस्ट लगाई
ए पॉजीटिव ग्रुप का ब्लड चाहिए : इच्छुक दाता संपर्क करें
जिसके कारण चाहकर भी और कुछ नहीं कर पाया हूं। विश्वास है आप अन्यथा न लेंगे और विलम्ब के लिए क्षमा करने का प्रयास करेंगे और प्रयास करेंगे तो सफल भी अवश्य होंगे।
..यह भी खूब रही।
जवाब देंहटाएं..बधाई।
जिन्हें टिप्पणी न मिली हो
जवाब देंहटाएंया अधिक चाहते हों
अपनी ख्वाहिश दर्ज कीजिए
और न मिलने वाले
करें दर्ज एफआई आर
पर कहीं और नहीं
सिर्फ यहीं, यहीं और यहीं।
टिप्पणियों में इतना खो गया है
जवाब देंहटाएंया बेरूखा हो गया है
फोन भी नहीं उठाता
लगता है ज्यादा भारी हो गया है
मेरी भी बधाई रख ले मन के कोने में
मुझे भी खुशी हुई है बैशाखनंदन होने में
अब सिर्फ वे ही टिप्पणी करें
जवाब देंहटाएंजो टिप्पणी नहीं चाहते हों।
ha...ha....ha....ha...main bhoot bol rahaa hoon.....aur aapse puchhta hun ki...lekin usase hoga kyaa....??
जवाब देंहटाएंभूतनाथ जी पहले तो आप यह जान लीजिए कि भूत बोलते नहीं हैं। चाहे वे धरती के हों या धरती पर हों अथवा हों ब्लॉग पर। लेकिन आपके यहां आने से यह मालूम चल गया है कि भूतों का अस्तित्व तो है, जिसके संबंध में सृष्टि में अभी तक भ्रम फैला हुआ है। आपने उस भ्रम को एक जगह जमने में मदद की है, नहीं तो वो पानी की तरह इधर-उधर सबको भिगाती रहती। आपने उसे बर्फ की तरह जमाया तो सही।
जवाब देंहटाएंदूसरा भूतनाथ जी यह तो बतलाइये कि 'उससे' क्या मतलब है, मैं साधारण इंसान हूं, विशेष या साधारण भूत तो हूं नहीं, जो इस प्रकार से समझ पाऊं। मुझे समझाने के लिए तो आपको विशेष मशक्कत करनी ही होगी।
यह उससे क्या है, जिससे होगा क्या ?