शहर की सात आठ साहित्यिक संस्थाओं ने मिल कर दिल्ली से आये एक लेखक के सम्मान में गोष्ठी का आयोजन किया .
अतिथि लेखक के एक घंटा विलंब से आने के बाद भी सभा में आठ दस लोग ही उपस्थित थे .
लेखक के साथ आई उनकी पत्नी ने अपनी स्थानीय मित्र से पूछा--'यह सम्मान गोष्ठी तो कई साहित्यिक संस्थाओ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई थी .मैं तो सोच रही थी कि बहुत लोग आये होंगे पर यहाँ तो .....'
मित्र ने बताया --'यहाँ उपस्थित हर व्यक्ति अपनी बनाई किसी संस्था का अध्यक्ष है. इस तरह हर आदमी अपने आप में एक संस्था है .
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पवित्रा अग्रवाल रचित लघुकथा उलझन
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पवित्रा अग्रवाल रचित लघु कथा संस्था
Posted on by अविनाश वाचस्पति in
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Avinash jee , roz hee kuchh n kuchh stariy
जवाब देंहटाएंpadhwaane ke liye aapkaa dhanyawad.
सुन्दर अभिव्यक्ति
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