आप बताएं क्या है दिल्ली के लिए बेहतर?

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  • संजीव शर्मा/Sanjeev Sharma
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  • इन दिनों देश भर का मीडिया कामनवेल्थ खेलों पर ऑस्कर विजेता संगीतकार ए आर रहमान द्वारा तैयार थीम सॉंग पर चर्चा में उलझा हुआ है.हर किसी की अपनी ढपली अपना राग है.इसी बीच दिल्ली के पापुलर बैंड "यूफोरिया" ने दिल्ली का सॉंग पेश कर रहमान समर्थकों की मुश्किल बढ़ा दी है. मैं यहाँ दोनों गीतों को बिना किसी काट-छांट के पेश कर रहा हूँ.अब यह आप तय कीजिये कि दिल्ली के लिए या इन खेलों के लिए क्या बेहतर होता? वैसे रहमान साहब को सब-कुछ खुद कर दिखने की भावना के चलते इतनी आलोचनाए सहनी पड़ रही हैं.यदि वे इस गीत के लिए भी गुलज़ार साहब/जावेद अख्तर/प्रसून जोशी जैसे किसी गीतकार और दलेर पाजी जैसे गायक के साथ तालमेल बिठाते तो सोचिये क्या बात होती क्योंकि ये दिग्गज एकसाथ मिलकर फिर "जय हो..." या "चक दे..." जैसा धमाका कर दिखाते.वैसे इन गीतों को भी तो थीम सॉंग बनाया जा सकता था ? या फिर पुरानी फिल्मों से "भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात...." जैसे किसी कालजयी गीत को ये सम्मान दिया जा सकता था.खैर ये फैसला तो हमारे हाथ में नहीं था कि कौन सा गीत चुना जाये पर हम गीतों के सुझाव तो दे ही सकते हैं.तो चलिए आप बताइए कामनवेल्थ खेलों का थीम सॉंग क्या होना चाहिए?आपका सुझाव कोई फिल्मी गीत भी हो सकता है....
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