हे भारत माँ शत-शत बार प्रणाम ऐ अमरों की जननी, तुमको शत-शत बार प्रणाम, भारत माँ शत-शत बार प्रणाम। तेरे उर में शायित गांधी, 'बुद्ध औ' राम, भारत माँ शत-शत बार प्रणाम। हिमगिरि-सा उन्नत तव मस्तक, तेरे चरण चूमता सागर, श्वासों में हैं वेद-ऋचाएँ वाणी में है गीता का स्वर। ऐ संसृति की आदि तपस्विनि, तेजस्विनि अभिराम। भारत माँ शत-शत बार प्रणाम। हरे-भरे हैं खेत सुहाने, फल-फूलों से युत वन-उपवन, तेरे अंदर भरा हुआ है खनिजों का कितना व्यापक धन। मुक्त-हस्त तू बाँट रही है सुख-संपत्ति, धन-धाम। भारत माँ शत-शत बार प्रणाम। प्रेम-दया का इष्ट लिए तू, सत्य-अहिंसा तेरा संयम, नयी चेतना, नयी स्फूर्ति-युत तुझमें चिर विकास का है क्रम। चिर नवीन तू, ज़रा-मरण से - मुक्त, सबल उद्दाम, भारत माँ शत-शत बार प्रणाम। एक हाथ में न्याय-पताका, ज्ञान-द्वीप दूसरे हाथ में, जग का रूप बदल दे हे माँ, कोटि-कोटि हम आज साथ में। गूँज उठे जय-हिंद नाद से - सकल नगर औ' ग्राम, भारत माँ शत-शत बार प्रणाम। |
Posted on by Vivek Sharma in
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स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई!!!!!
जवाब देंहटाएंभारत माँ को प्रणाम ..
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई!!