आजकल के अभिभावकों द्वारा जाने अनजाने अपने बच्चों का बचपन छिनने से व्यथित उषा राठौड़ का आज का ख्याल यहाँ चटका लगाकर पढ़े जहाँ उषा इस विषय पर चिंता जाहिर कर आव्हान कर रही है -
जीने दो अपना बच्चपन उनको जो जी मैं आये करने दो .उनके गंदे कपडे धोने मैं जितनी तकलीफ नहीं होंगी उससे कही ज्यादा ख़ुशी उनके चहरे की चमक देख कर होगी ,और जब भारत का भविष्य ऐसे मुस्कुराएगा तो हर साल भारत भी अपनी आजादी का जश्न इतनी ही ख़ुशी से मनायेगा .क्योंकि कल का भारत आज के बच्चो के हाथो में हैं...
उषा राठौड़ का आज का ख्याल
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