एक को पहचानते हैं
दूसरे को पहचानने का मौका है
मौका मत गंवायें
आ रहे हैं मुंबई में
3 चार और 9 अगस्त 2010 को
कलाम-ए-चौहान
पहले मिलें यहां
फिर मिलें मोबाइल पर
नंबर है उनके ब्लॉग पर
फिर हो जाएं रूबरू
बांटें आपस में
विचारों की खुशबू
जो खुशबू बांटें
उनके खींचें चित्र भी
हम देखना चाहेंगे
महसूसना चाहेंगे
विचारों को भी
छापें सब अपने अपने ब्लॉगों पर
फिर हम छापा मारेंगे
पढ़ेंगे और सराहेंगे
जो गलत कहा तो
उसे जरूर डांटेंगे।
बाद में मत बनाना बहाना
हम तो भूल गए थे
2 तारीख तक तो याद था
फिर 5 को याद आ गया था
फिर से भूल गए
और 8 को याद आया
फिर 9 को भूल गए।
मुंबई में होने वाला है हिन्दी ब्लॉगर मिलन : मेरी अनुशंसा है कि इनसे मिल लें (अविनाश वाचस्पति)
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रंजीत चौहान
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इन्डीब्लागर वाले १६ अगस्त को भी कर रहे हैं !
जवाब देंहटाएंबहुत खुब जी शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ रंजीत जी ...
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