श्रेष्ठता का पैमाना : लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान

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  • रवीन्द्र प्रभात
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  • अल्पना माने रंगोली…'अल्पना' शब्द संस्कृत के - 'ओलंपेन' शब्द से निकला है, ओलंपेन का मतलब है - लेप करना।
    मगर किसी का नाम हो अल्पना और वह अपने नाम के अनुरूप अपनी अभिरुचियों को विकसित करते हुए जीवित किवदंती बन जाए तो उसे क्या कहेंगे आप ? यही न कि उसने अपने नाम को चरितार्थ कर दिया .........
    जिनकी कलाकृतियाँ लिमका बुक ऑफ वर्ल्ड रिकोर्ड में शुमार की गयी हैं और जिनके बनाए ग्रीटिंग्स की धाक है कला जगत में .....
    जानते हैं कौन है वो ?
    वो हैं श्रीमती अल्पना देशपांडे
    ब्लोगोत्सव की टीम ने इन्हें वर्ष की श्रेष्ठ चित्रकार का खिताब देते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है ....!
    विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ किलिक करें

    हिंदी का एक ऐसा साधक जिसकी मौन साधना आगे-आगे चलती है और सारे स्वर-व्यंजन के साथ समय पीछे-पीछे ....जो एक समर्पित लेखक, अनुसंधानकर्ता, एवं हिन्दी-सेवी हैं.जिन्होंने भौतिकी, देशीय औषधिशास्त्र, और ईसा के दर्शन शास्त्र में अलग अलग विश्व्वविद्यालयो से डाक्टरेट किया है और आजकल पुरातत्व के वैज्ञानिक पहलुओं पर अपने अगले डाक्टरेट के लिये गहन अनुसंधान कर रहे हैं. जो एक अमरीकी विश्वविद्यालय के मानद कुलाधिपति भी हैं....!

    जिन्होंने ६ भाषाओं में ६० से अधिक ग्रन्थ एवं ६००० से अधिक लेख दर्शन, धर्म, भौतिकी, विज्ञान, इलेक्ट्रानिक्स, संगणक, मनोविज्ञान, भाषा, जर्नलिस्म, पुरावस्तुशास्त्र, एवं देशी चिकित्सा पद्धतियों पर लिखा है. जिनका लिखा "हिन्दु धर्म परिचय" मलयालम भाषा में एक प्रसिद्ध पाठ्य पुस्तक है !

    जिन्होंने अपने जीवन में राजभाषा हिन्दी की साधना और सेवा करने का प्रण बचपन में ही कर लिया था. जिनका मानना है कि यदि हम भारतीय संगठित हो जायें तो सन २०२५ से पहले हिन्दुस्तान एक विश्व-शक्ति बन जायगा. फिर से एक सोने की चिडिया भी बन जायगा....!
    जानते हैं कौन हैं वो ?
    वो हैं हिंदी चिट्ठाजगत के परम श्रद्धेय चिट्ठाकार
    शास्त्री जे. सी. फिलिप
    ब्लोगोत्सव की टीम ने हिंदी के इस परम अनुरागी को वर्ष के श्रेष्ठ हिंदी प्रचारक का खिताब देते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है !
    विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ किलिक करें

    साथ ही ब्लोगोत्सव-२०१० पर आज : अवश्य पढ़ें

    सितारों की महफ़िल में आज श्रीमती अल्पना देशपांडे

    सितारों की महफ़िल में आज शास्त्री जे.सी. फिलिप

    आप शुभकामनाएं देना चाहते हैं तो उसी पोस्‍ट के लिंक पर क्लिक करके परिकल्‍पना ब्‍लॉगोत्‍सव 2010 की संबंधित पोस्‍ट पर ही देंगे तो पाने वाले और देने वाले - दोनों को भला लगेगा। यह भलापन कायम रहे।

    1 टिप्पणी:

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