कायम है आशा की किरण

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  • उमाशंकर मिश्र
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    अंधेरे के साम्राज्य से मुकाबला करने के लिए दिए की एक छोटी सी लौ ही काफी है। आज हमारे देश में भ्रष्टाचार और कुशासन का जो सर्वव्यापी अंधकार फैला है, वह हताश तो करता है, लेकिन जब हम कुछ युवाओं को उससे सीना तान कर लड़ते देखते हैं तो हमें आशा की एक किरण दिखायी देती है। आइए पढ़ते हैं ऐसे ही कुछ युवाओं की कहानी…
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    1 टिप्पणी:

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