सियासत खून पीती है हमारा तो ग़लत क्या है
दरख्ते ज़िन्दगी पर बेल हमने ख़ुद चढ़ाई है
कभी ये शेर कहने वाले कवि और शायर डा.त्रिमोहन तरल की गजलें
साखी पर
डा.त्रिमोहन तरल की गजलें
Posted on by Subhash Rai in
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वाह क्या बात कही है...बहुत खूब.
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