कल मैंने इसी विषय पर एक पोस्ट डाला था,लेकिन हमारे मिलावटी भाइयों की धरपकड़ और हमारे स्वास्थ्य की रक्षा के लिए काम कर रहे स्वयंसेवी संगठनों की सक्रियता के कारण मैं अपनी ही पोस्ट का भाग-दो लिखने के लिए मज़बूर हो गया. मूल उद्देश्य तो हमेशा की तरह अपने ब्लॉगर साथियों को समाज में मौजूद ख़तरों से रूबरू करना है. वैसे देश में इन दिनों 'सिक्वल' बनाने का फैशन चल रहा है. 'गोलमाल' से लेकर 'डोन' तक के दूसरे और तीसरे भाग बन चुके हैं तो फिर ब्लॉग का दूसरा भाग लिखने में क्या बुराई है. खैर अब मुद्दे की बात-दरअसल कल अपना पोस्ट लिखने के बाद जब टीवी पर न्यूज़ चैनल देखे तो पता चला कि पोस्ट में कई ताज़ा जानकारियां डालने से चूक गया इसलिए उस कमी को भाग-दो के जरिये दूर कर रहा हूँ. किसी भी सूरत में पैसा कमाने की भूख ने आदमी को इतना अँधा बना दिया है कि वह यह भी भूल गया है कि जो गड्ढा वह दूसरों के लिए खोद रहा है उसमें उसके अपने भी गिर सकते हैं! दिल्ली में पकड़ा गया नकली कोल्ड ड्रिंक्स बनाने का कारखाना हो या रासायनिक मिलावट के साथ बन रहे सस्ते जेवर,क्या इन्हें बनाने वालों के अपने लोग/परिजन/पत्नी/माँ/बहन/बच्चे नहीं पी सकते या नहीं पहन सकते? इस कारखाने में कई नामी शीतल पेय बनाने वाली कम्पनियों के नकली उत्पाद बनते थे,जिन्हें हम या हमारा परिवार इंडिया गेट पर धड़ल्ले से पीता है जबकि इनसे किडनी को नुकसान पहुँचता है,दांत में पायरिया, हड्डियाँ कमज़ोर होना,मोटापा बढ़ना और ब्लड सेल ख़त्म होने का खतरा होता है. इनमें मिलाये जा रहे गंदे पानी से पेट की बीमारियाँ हो सकती हैं.
इसीतरह माँ-बहनों की सुन्दरता में चार चाँद लगाने वाले गहने उन्हें गंभीर रूप से बीमार बना सकते हैं. "टॉक्सिक लिंक" नामक एक स्वयंसेवी संगठन के मुताबिक देश में बिकने वाली कृत्रिम ज्वेलरी में लेड जैसा घातक रसायन मिला होता है. कई आभूषणों में तो इसकी मात्रा मानक दर से हज़ार गुना तक ज्यादा पाई गई है. यदि इस ज्वेलरी को ज़रा सी देर भी मुंह में डाल लिया गया तो समझो आपकी शामत आ गई, जबकि हमारे घरों में जेवर मुंह में डालना सामान्य सी बात है.लेड इतना खतरनाक है कि दुनिया भर में इसके इस्तेमाल पर प्रतिबन्ध है.खास बात यह है कि ये आभूषण दिल्ली के मशहूर बाज़ारों से लेकर ही यह जाँच की गई थी.लेड का इस्तेमाल पागल तक बना सकता है. इसके अलावा याददाश्त कम होना,पेट की बीमारियाँ,त्वचा में संक्रमण तो सामान्य बात है.इसलिए अगली बार जब भी बाज़ार जाएँ तो यह ज़रूर सुनिश्चित कर ले कि जो कोल्ड ड्रिंक्स पी रहे हैं वह नकली और सौन्दर्य बढ़ाने वाले जेवर घातक तो नहीं हैं?
हमारी जान लेने के नए-नए तरीके -भाग दो
Posted on by संजीव शर्मा/Sanjeev Sharma in
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
वैसे इस पर तो जितने सीक्वल लिखे जायें कम हैं, पैसे कमाने की भूख के कारण आदमी को गलत रास्ते पर नहीं जाना चाहिये वरन अपनी सोच बदलकर सही तरीके से पैसा कमाना चाहिये, और समाज के दूसरे लोगों के लिये भी रोजगार पैदा करना चाहिये।
जवाब देंहटाएं0 तिरुपति बालाजी के दर्शन और यात्रा के रोमांचक अनुभव – १० [श्रीकालाहस्ती शिवजी के दर्शन..] (Hilarious Moment.. इंडिब्लॉगर पर मेरी इस पोस्ट को प्रमोट कीजिये, वोट दीजिये