परिकल्‍पना ब्‍लॉगोत्‍सव 2010 में वर्ष के श्रेष्‍ठ व्‍यंग्‍यकार अविनाश वाचस्‍पति

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आप परिचित ही हैं कि अनेक ब्‍लॉग नेक हृदय का लोगो भी अविनाश वाचस्‍पति जी ने ही रचा है। वे व्‍यंग्‍यकार होने के साथ एक बेहतर इंसान भी हैं और आज नुक्‍कड़ पर भाई समीर लाल जी ने उन्‍हीं के सोपानस्‍टेप मासिक पत्रिका में प्रकाशित व्‍यंग्‍य के शीर्षक जुलाई भी बन गयी जून, सखी री आया न मानसून को अपने एक गीत का मुखड़ा बनाया है। जिसे आप नुक्‍कड़ पर आज सुबह सुन चुके हैं। जिन्‍होंने नहीं पढ़ा है अथवा सुना हैं, वे क्लिक करके उसे सुन सकते हैं।
 
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