आतंकवादी की नाक खतरे में : अभिव्यक्ति में खोल रहे हैं राज : हमारे आपके सबके अविनाश वाचस्पति जी
Posted on by पी के शर्मा in
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आतंकवादी की नाक,
व्यंग्य
........... आम हालातों में शौहर अपनी बीबी से तभी दुखी होते हैं जब वे उनसे घर के कार्य करवाने लगती हैं और बरतन मांजने के लिए कड़ाके की ठंड में भी गरम पानी की व्यवस्था नहीं करतीं। निःसंदेह इस स्थिति को दुखद माना जा सकता है तो क्या आजकल लादेन ऐसी ही विकट परिस्थितियों के संकट से जूझ रहा है। शौहर से सिर्फ चाय बनवाने या खाना बनवाने जैसी घटनाएँ अब दुर्घटनाओं की श्रेणी में नहीं गिनी जाती हैं। ये तो अब पुरुषों की दैनिक चर्या का अंग बन चुकी हैं। लेकिन आतंकवादियों को तो अपनी जान के लाले पड़े रहते हैं उस पर ये कठिन कर्म निश्चय ही उनके जीवन में आतंक भर देती होंगी। हालात तब और वीभत्स हो उठे होंगे जब उन्हें अपने नवजात शिशुओं की गीली लंगोटियाँ भी साफ करने के लिए मजबूर कर दिया गया होगा। पता नहीं बेचारे आतंकवादी के साथ क्या गुजर रही है। यह सब तो पूरा पढ़ने के लिए क्लिक कीजिए
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नाक ही क्या यह तो पूरे के पूरे ही खतरे में हैं!
जवाब देंहटाएंwahwa...sateek kaha Chandan ji...
जवाब देंहटाएंजो खुश रहना चाहता है वह पाँच-पाँच बीवियां रखने की सोच भी कैसे सकता है? आजकल एक बीवी को संभालना भी आसान नहीं...
जवाब देंहटाएंबच के रहियेगा ...आपके घर के बाहर धरना प्रदर्शन होने ही वाले हैं ...:):)
खूब हँसाया भाई जी..............
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा
Bahut sundar maza aa gaya.
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