गगन को आंचल में लेने का श्री प्रेम जनमेजय का प्रयास (अविनाश वाचस्‍पति)

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    माननीय श्री प्रेम जनमेजय जी के संपादकत्व में, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् की प्रतिष्ठित पत्रिका, ‘गगनांचल’ का पहला अंक, वर्षः33 अंक2, प्रकाशनार्थ प्रेस में चला गया है। जैसा कि संपादकीय में भी आपने लिखा है -
    इस अंक में आपको कुछ नए रचनात्मक आयोजन दिखेंगें। कैसे हैं, ये जानने की उत्सुक्ता रहेगी।यदि अंक में कुछ अच्छा लगे तो मानिएगा कि ये सबके रचनात्मक सहयोग का परिणाम है और यदि कुछ खराब लगे तो वह संपादक की अक्षमता के कारण होगा।’


    इस अंक में निम्नलिखित सामग्री है-

    पक्ष विपक्ष
    प्रवासी साहित्यः कितना साहित्य, कितना प्रवासी
    के अंतर्गत राजेंद्र यादव, चित्रा मुद्गल, हिमांशु जोशी, रमणिका गुप्ता, अजित कुमार, गंगाप्रसाद विमल, रामशरण जोशी, रत्नाकर पांडेय, रामदरश मिश्र के विचार

    विशेष : में पूरनचंद्र जोशी का रवीन्‍द्रनाथ टैगोर पर संस्मरणात्मक आलेख
    अविस्मरणीय में कन्हैयालाल नंदन का अद्भुत अविस्मरणीय संस्मरण
    व्यक्तित्व में कैलाश वाजपेयी, हेमंत कुकरेती, सत्येंद्र श्रीवास्तव , अनिल जोशी, गुरु जयरामरॉव श्रीमती वनश्री राव, शशिप्रभा तिवारी
    प्रथम दिवसे में पहली विदेश यात्रा पर प्रो0 निर्मला जैन की रम्य रचना।
    साहित्य चिंतन में प्रो0 नित्यानंद तिवारी का विचारोत्तेजक आलेख
    कथा साहित्य में नरेंद्र कोहली, संजीव, सुषम बेदी , विष्णु नागर, महेश दर्पण,जार्ज ऑरवेल, ज्ञान प्रकाश विवेक, योगेंद्र शर्मा अरुण की रचनाएं
    कोई मैं झूठ बोलया में गोपाल चतुर्वेदी का व्यंग्य
    कविता/ गज़ल में दिविक रमेश, प्रताप सहगल, लक्ष्मीशंकर वाजपेयी, राधेश्याम तिवारी रामबहादुर चौधरी चंदन,
    प्रणाम में प्रो0 कात्सुरो कोगा पर हरजेंद्र चौधरी का आलेख
    भाषा चिंतन में विनोद संदलेश का आलेख
    कला चिंतन में नर्मदाप्रसाद उपाध्याय का मुगलकालीन चित्रकला पर आलेख
    नटरंग अजित राय बारहवें रंग महोत्सव की समीक्षा
    सांस्कृतिक केंद्र में यू0के0 के नेहरू सेंटर पर तेजेंद्र शर्मा की प्रस्तुति
    अध्ययन कक्ष में देवेंद्र राज अंकुर की ‘दिल्ली की कहानी, दिल्ली की जुबानी

    तथा और बहुत कुछ
    यदि अंक प्राप्ति की आपको उत्सुक्ता हो तो आप निम्नलिखित पते से संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैं-
    श्री अजय कुमार गुप्ता
    प्रबंध संपादक
    भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद्
    आजाद भवन, इंद्रप्रस्थ एस्टेट
    नई दिल्ली- 110002


    आगामी अंकों के लिए आपके रचनात्मक सहयोग एवं सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी।
    प्रेम जनमेजय
    मानद सम्पादक ' गगनांचल '

    Dr. Prem Janmejai
    # 73 Saakshara Appartments
    A- 3 Paschim Vihar, New Delhi - 110063
    Phones:(Home) 011-91-11-25264227
    (Mobile) 9811154440

    5 टिप्‍पणियां:

    1. गगनांचल के प्रकाशन पर बहुत बधाई एवं इस सार्थक प्रयास के लिए अनेक शुभकामनाएँ.

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    2. हमारी हार्दिक शुभकामनाएं

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    3. क्या यह पत्रिका वेब पर उपलब्ध नहीं हो सकती , वागर्थ , नया ज्ञानोदय आदि की तरह ?
      इला

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    आपके आने के लिए धन्यवाद
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