संस्कारों का ओर-छोर

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  • अबे पैसे किस बात के हम तो स्टाफ़ हैं

    कोई बात नहीं, आप अपना परिचय पत्र दिखा दीजिये.

    अच्छा, तेरी ये औकात कि तुम परिचय पत्र मांगेगा.

    सर, फिर तो टिकट लेनी ही होगी.

    अच्छा, तो तूँ मुझे टिकट देगा. खुद का टिकट कटवाना है क्या?

    और फिर कंडक्टर ने बस रोकवाकर उसे उतार दिया और बस चलाने के लिये ड्राईवर को संकेत किया.

    उसे यह नागवार लगा और एक पत्थर उठाकर बस पर दे मारा.  पत्थर बस के शीशे पर लगी और शीशा टूटता हुआ खिड़की के पास अपनी सहेली के साथ बैठी लड़की को जा लगा. उसके होठ के पास कट गया था. खून रिसने लगा.

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    पास खड़े लड़के ने बस रूकवाई. उस लड़की को नीचे लाने के लिये उसकी सहेली से बोला साथ ही वह भी नीचे आया और खून के रिसाव को रोकने की कोशिश की. यहाँ तक कि उसने अपनी शर्ट भी आफर की पर रूमाल से ही काम चल गया.

    उसने आते जाते वाहनों से मदद प्राप्त करने की कोशिश की. कई नज़रअन्दाज़ कर चले गये. एक शरीफ दम्पत्ति ने अपनी कार रोकी और लड़की को अस्पताल तक ले गये. चार टांके लगे. दम्पत्ति ने इलाज के लिये पैसे आफर किया. पर लड़की के पास पर्याप्त पैसे थे अत: उसने उसका धन्यवाद किया और वे चले गये. फिर वे दोनों अपने हास्टल लौट आयीं.

    वह लड़की कोई और नहीं मेरी अपनी बेटी ही है जो हास्टल में रहकर बी. टेक. (अंतिम वर्ष) की पढ़ाई कर रही है. उसका हास्टल गाजियाबाद के राज नगर में है और कालेज वहाँ से लगभग 15 किमी दूर है. वह विगत 6 अप्रैल 2010 को अपनी सहेली के साथ आवश्यक कार्यवश गाज़ियाबाद से आनन्द विहार जा रही थी. अब वह घर लौट आयी है और स्वास्थ्य लाभ कर रही है. सोचता हूँ कि एक वह लड़का था और एक यह लड़का. कितना अंतर है दोनों में. शायद यह संस्कारों का ओर-छोर था.

    एम. वर्मा

    7 टिप्‍पणियां:

    1. काबिले गौर है यह घटना
      घटना क्‍यों इसे तो कहा जाए दुर्घटना
      पर अगर इससे एक कुसंस्‍कारी घट जाए
      तो इस घटना की ठोकर को सहा भी जाए
      क्‍योंकि ऐसा नहीं होना है
      इसलिए सभी को इस बात को कहना है।

      सिर्फ पीड़ा होगी उस कुसंस्‍कारी को भी
      जब बीतेगी उस पर, अपने पर यही कभी।

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    2. ओह...इस घटना ने तो रोंगटे खड़े कर दिए....वह लड़का तो देवदूत सा आया और उन दंपत्ति ने भी अपनी कार रोक कर समय पर सहायता की...पर बिटिया को तो बेवजह कष्ट झेलना ही पड़ा,ना...आशा है अब सकुशल होगी..
      पर पढ़ कर थोड़ी राहत भी मिली...दुनिया खाली नहीं है भले लोगों से और उनके बल पर ही चल रही है...

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    3. बहुत मार्मिक घटना....अब बेटी सकुशल होगी...उसको शुभकामनायें.....बुरे लोग तो बहुतायत से मिलते हैं लेकिन इस घटना से पता चलता है की अच्छे लोग भी अभी हैं इस दुनियाँ में..

      झकझोरने वाली पोस्ट ..

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    4. बिटिया जल्द स्वस्थ हो, यही कामना है..

      बस, यही दर्शाता है कि इसी गुनिया में हैवान भी हैं और इन्सान भी.

      सब संस्कारों की बात है.

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    5. यही तो ...
      इंसान के वेश में खुदा भी... शैतान भी ...
      कभी आह! कभी वाह !

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    6. अभी दुनियाँ वीरों से खाली नहीं है, इसी के बल पर अभी इंसानियत कायम है. ईश्वर बिटिया को स्वस्थ करे , उसे आशीष.

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    7. इस दुनिया मे अच्छाई के साथ बुराई भी है , दिन के साथ रात भी है ………………।शुक्र है कि वक्त पर सहायता मिल गयी और बिटिया का उपचार हो गया……………बिटिया जल्दी ठीक हो यही कामना करती हूँ।

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